४४० ॥ श्री हलचल शाह जी ॥
पद:-
नजूमें कमाले दखल से किसी की रिहाई न होगी जहां से सुनो।
इस मे नेकी वदी का है चक्कर लगा आने जाने में यारों रहौगे गुनो।
मान लो गर सखुन लेहु मुरशिद शरन ध्यान परकाश लय नाम की धुनो।
हर समय राधिका श्याम सन्मुख रहैं देव मुनि जो कहैं शब्द सारे सुनो।
साज अनहद बजै जाम कौसर पियो जाव तन तजि बतन प्रेम में जब भुनो।
दीन बनि कर रहौ राखौ तन मन रहम चोर भागैं सभी सत्य ताना बुनो।६।