७१ ॥ श्री लक्ष्मी जी ॥
सोरठा:-
थोड़े दिन के बाद माफ होय तेरी खता ।
छूटै वाद विवाद संतन का यह सत मता ॥१॥
बसो प्रभू के पास, हमको सब मालुम पता ।
दियो गुरु ने खास, सूरति शब्द का सतलता ॥२॥
सोरठा:-
थोड़े दिन के बाद माफ होय तेरी खता ।
छूटै वाद विवाद संतन का यह सत मता ॥१॥
बसो प्रभू के पास, हमको सब मालुम पता ।
दियो गुरु ने खास, सूरति शब्द का सतलता ॥२॥