१५४ ॥ श्री विचार दास जी ॥
दोहा:-
अर्ध्द चन्द्र ओंकार पर सोहै सत्य रकार ।
वाके बिन जाने कोई कैसे होवै पार ॥१॥
सब से नीचा जो बनै सो ऊँचा ह्वै जाय ।
गुरु नानक का वचन यह मानि लेय सो जाय ॥२॥
दोहा:-
अर्ध्द चन्द्र ओंकार पर सोहै सत्य रकार ।
वाके बिन जाने कोई कैसे होवै पार ॥१॥
सब से नीचा जो बनै सो ऊँचा ह्वै जाय ।
गुरु नानक का वचन यह मानि लेय सो जाय ॥२॥