३३ ॥ श्री अद्वैताचार्य्य जी कृत संकीर्तन ॥
कीर्तन:-
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे,
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे,
हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे हरे।
हरे विष्णु हरे विष्णु हरे विष्णु हरे हरे।
हरे श्याम हरे श्याम हरे श्याम हरे हरे।
नमो राम नमो राम नमो राम नमो नमो।५।
नमो कृष्ण नमो कृष्ण नमो कृष्ण नमो नमो।
नमो विष्णु नमो विष्णु नमो विष्णु नमो नमो।
नमो श्याम नमो श्याम नमो श्याम नमो नमो।
श्री राम श्री राम श्री राम हरे हरे।
सिया राम सिया राम सिया राम हरे हरे।१०।
श्री कृष्ण श्री कृष्ण श्री कृष्ण हरे हरे।
श्री विष्णु श्री विष्णु श्री विष्णु हरे हरे।
श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम हरे हरे।
हरे राम हरे राम हरे राम नमो नमो।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण नमो नमो।१५।
हरे विष्णु हरे विष्णु हरे विष्णु नमो नमो।
हरे श्याम हरे श्याम हरे श्याम नमो नमो।
नमो राम नमो राम नमो राम हरे हरे।
नमो कृष्ण नमो कृष्ण नमो कृष्ण हरे हरे।
नमो विष्णु नमो विष्णु नमो विष्णु हरे हरे।२०।
नमो श्याम नमो श्याम नमो श्याम हरे हरे।
श्री राम श्री राम श्री राम नमो नमो।
श्री कृष्ण श्री कृष्ण श्री कृष्ण नमो नमो।
श्री विष्णु श्री विष्णु श्री विष्णु नमो नमो।
श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम नमो नमो।२५।
हरे राम नमो राम श्री राम कहौ रे।
हरे कृष्ण श्री कृष्ण नमो कृष्ण कहौ रे।
हरे विष्णु नमो विष्णु श्री विष्णु कहौ रे।
हरे श्याम नमो श्याम श्री श्याम कहौ रे।
श्री राम हरे कृष्ण नमो विष्णु श्याम श्याम।३०।
हरे राम नमो कृष्ण श्री विष्णु श्याम श्याम।
नमो राम श्री कृष्ण हरे विष्णु श्याम श्याम।
श्याम राम श्याम कृष्ण श्याम विष्णु श्याम श्याम।
राम श्याम कृष्ण श्याम विष्णु श्याम कहौ रे।
राम नाम कृष्ण नाम विष्णु नाम कहौ रे।३५।
राम राम राम राम राम राम कहौ रे।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कहौ रे।
विष्णु विष्णु विष्णु विष्णु विष्णु विष्णु कहौ रे।
श्याम श्याम श्याम श्याम श्याम श्याम कहौ रे।
मुक्ति भक्ति जक्ति माहिं आय भाय लहौ रे।४०।
काम क्रोध मोह लोभ अहंकार हरौ रे।
नाम रूप लीला धामं सुनौ लखौ करौ रे।
शान्ति शील क्षिमा दया सरधा हिरदय भरौ रे।
दिव्य रूप निरखि निरखि पाप भस्म करौ रे।
नाम ध्वनी रोम रोम उठत जियत मरौ रे।४५।
सन्तोष सत्य दीनता प्रचार जक्त करौ रे।
हानि लाभ दुःख सुक्ख परै तौ न टरौ रे।
जारी........