३३ ॥ श्री अद्वैताचार्य्य जी कृत संकीर्तन ॥
जारी........
एक ही हैं द्वैत तजौ राम बिष्णु कृष्ण।
राम राम कृष्ण राम बिष्णु राम कहौ हो।
राम श्याम कृष्ण श्याम बिष्णु श्याम कहौ हो।
राम वही कृष्ण वही बिष्णु वही कहौ हो।
प्रेम भाव होय भाय तवै सुक्ख लहौ हो।१००।
राम राम राम राम राम राम कहौ हो।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कहौ हो।
बिष्णु बिष्णु बिष्णु बिष्णु बिष्णु बिष्णु कहौ हो।
श्याम श्याम श्याम श्याम श्याम श्याम कहौ हो।
सीताराम राधे श्याम रमा बिष्णु ऊँ ऊँ।१०५।
सीताराम सीताराम सीताराम ऊँ ऊँ।
राधे श्याम राधे श्याम राधे श्याम ऊँ ऊँ।
रमा बिष्णु रमा बिष्णु रमा बिष्णु ऊँ ऊँ।
राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण ऊँ ऊँ।
राम राम राम राम राम राम ऊँ ऊँ।११०।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण ऊँ ऊँ।
बिष्णु बिष्णु बिष्णु बिष्णु बिष्णु बिष्णु ऊँ ऊँ।
श्याम श्याम श्याम श्याम श्याम श्याम ऊँ ऊँ।
ऊँ राम ऊँ श्याम ऊँ बिष्णु ऊँ ऊँ।
ऊँ हरे ऊँ नमो ऊँ श्री नमो नमो।११५।
ऊँ श्री ऊँ नमो ऊँ हरे ऊँ ऊँ।
राम बिष्णु कृष्ण कहौ राम बिष्णु कृष्ण।
मुक्ति भक्ति लीन चहौ राम विष्णु कृष्ण।
राम विष्णु कृष्ण रटौ राम विष्णु कृष्ण।
तन मन ते संग सटौ राम विष्णु कृष्ण।१२०।
ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ। यदुपति माधव मोहन श्याम।
अधम उधारन राधे श्याम। मुक्ति भक्ति के दाता राम।
दीन भाव जेहि आता राम।१२५।
सिया संग में सोहैं राम। निरखत छबि मन मोहैं राम॥
रमा बिष्णु को जपिये नाम। जग प्रति पालन जिनका काम॥
अनुपम झाँकी सीता राम। रमा विष्णु औ राधे श्याम।
एक भाव जो मानै राम। षट दर्शन सुख जानै राम।
द्वैत भाव ते सरै न काम। सबै रूप हैं सीताराम।
सब में व्यापक सब कछु राम। कृष्ण विष्णु हैं रामै श्याम।
अद्वैता चार्य्य कहैं बसुयाम। श्री गुरु ते लै जपिये नाम।
बिधि चतुरानन सम दो नाम। गुरु बिन मिलै न राम क धाम।१३६।
दोहा:-
राम कृष्ण अवतार लै गुरु कीन हर्षाय।
जग हितार्थ के वास्ते, अधम तरैं करि भाय।१।
रामानन्द चार्य्य भे, बिष्णु केर अवतार।
श्री गौराङ्ग जी कृष्ण भे, जानत सब संसार।२।
रामानुजा चार्य्य भे, लछिमन जी को जान।
स्वामी शंकरा चार्य्य भे, श्री शंकर को मान।३।
आचार्य्य रूप ते बहुत भे, को गिन करै बयान।
अधम उधारन तब बने, लै श्री गुरु से ज्ञान।४।
सोरठा:-
हैं मर्य्याद अनादि, मेट सकै या को कवन।
ब्रह्मा शिव सनकादि, नारद शारद अहि भवन॥
दोहा:-
अद्वैता चार्य्य यह कहत हैं, मानो बचन प्रमान।
मानैं नहिं सोऊ भले, खुले न आंखी कान।१।
जारी........