८६ ॥ श्री जय जी ॥
दोहा:-
नाम से नेह लगाइये नाम करै सब काम।
नाम से परगट रूप हो निरखौ आठौ याम।१।
जय की बात को मानिये साधन में मन लाव।
सतगुरु बचन में प्रीति करि देखौ नाम प्रभाव।२।
दोहा:-
नाम से नेह लगाइये नाम करै सब काम।
नाम से परगट रूप हो निरखौ आठौ याम।१।
जय की बात को मानिये साधन में मन लाव।
सतगुरु बचन में प्रीति करि देखौ नाम प्रभाव।२।