६३ ॥ श्री हक्कल शाह जी ॥
पद:-
नन्द का लाला कन्हैया सब की जान क जान है।
सब में रमा सब से विलग फिर सब से खान औ पान है।
मुरशिद करो देखो छटा भक्तन के हाथ बिकान है।
नाम धुनि लै नूर पावो अजब होता ध्यान है।
अनहद सुनो सुर मुनि मिलैं जो करत हरि जस गान है।
हक्कल कहैं हर दम लखैं जे हो गये कुर्बान हैं।६।