२०६ ॥ श्री किल्ला शाह जी ॥
पद:-
भजु मन नाम सब सुख खानि।
जाप विधि सतगुरु से जानि क देहु ताना तानि।
ध्यान धुनि परकाश लय हो जाय सुधि बुधि सानि।
निरखिये हर समय सीता सहित सारंग पानि।
विमल अनहद सुनो बाजै मिलैं सुर मुनि आनि।५।
नागिनी षट चक्र सातौं कमल लो पहचानि।
नेम प्रेम औ टेम करि सब गहौ यह मम बानि।
शाह किल्ला कहैं जियतै पार हो लो जानि।८।