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२०८ ॥ श्री डल्लो माई जी ॥


पद:-

सिय राम राधे श्याम को हर जां में देख लीजै।

सतगुरु से जानि मारग तन मन को एक कीजै।

धुनि ध्यान नूर लय में सुधि बुधि को सानि दीजै।

सुर मुनि के संग बैठक हो प्रेम प्याला पीजै।

डल्लो कहैं तव कथरी होती गुरु जव भीजै।

सुमिरन बिना वृथा तन आयू दिनो दिन छीजै।६।