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२३० ॥ श्री धनाका माई लोहारिन जी ॥


कजरी:-

चेतो नैहर बसर भला कैसे।१।

चढ़ी जवानी बड़ी दिवानी रोको इसका असर भला कैसे।२।

डाकू चहुँ दिशि घात में ठाढ़े काढ़ो उनकी कसर भला कैसे।३।

मझवानी सतगुरु बिन बालम फेरै तुम पर नज़र भला कैसे।४।