२५१ ॥ श्री रगुरी माई हलवाइन जी ॥
पद:-
सखियों केहि विधि पहुँचों पास पिया तव दूरि रहैं।
तन धर्म हो सत्या नास, आय जब चोर गहैं।
तब केहि की लेहौ आस वहाँ तुम्हैं कौन चहै।
नैहर से होहु निराश वचन हम सत्य कहैं।
सतगुरु करि मेटौ त्रास चलौ पिय पास रहैं।
जहँ रवि शशि वारि बतास कबहुँ नहीं गभ्य लहै।६।