२९८ ॥ श्री भानु दास जी का कीर्तन ॥
पद:-
सिय राम हरे प्रिय श्याम हरे रमा विष्णु हरे नर नारि कहौ।
सीता राघो हरे राधा माधो हरे श्री नारायण हरे नर नारि कहौ।
रघुनाथ हरे यदुनाथ हरे श्री नाथ हरे नर नारि कहौ।
श्री राम हरे श्री कृष्ण हरे श्री विष्णु हरे नर नारि कहौ।
राम श्याम हरे श्याम श्याम हरे विष्णु श्याम हरे नर नारि कहौ।
राम राम हरे कृष्ण कृष्ण हरे विष्णु विष्णु हरे नर नारि कहौ।६।
सीता नाथ हरे राधे नाथ हरे रमा नाथ हरे नर नारि कहौ।
सीता रमन हरे रा़धे रमन हरे लक्षमी रमन हरे नर नारि कहौ ।
करुणा सिन्धु हरे दीन बन्धु हरे दया सिन्धु हरे नर नारि कहौ।
रामचन्द्र हरे कृष्ण चन्द्र हरे विष्णु चन्द्र हरे नर नारि कहौ।
धनुष धारी हरे मुरली धारी हरे चक्र धारी हरे नर नारि कहौ।
माखन चोर हरे दधि चोर हरे मही चोर हरे नर नारि कहौ।१२।
चीर चोर हरे चित चोर हरे बर जोर हरे नर नारि कहौ।
गिरिधारी हरे बनवारी हरे औ भिखारी हरे नर नारि कहौ।
नर सिंह हरे बाराह हरे श्री बावन हरे नर नारि कहौ।
श्री कच्छ हरे श्री मच्छ हरे श्री बौद्ध हरे नर नारि कहौ।
दशरथ लाल हरे वसुदेव लाल हरे नँद लाल हरे नर नारि कहौ।
कौशिल्या नन्दन हरे यशुदा नन्दन हरे देवकी नन्दन हरे नर नारि कहौ।१८।
गोपी कृष्ण हरे ग्वाल कृष्ण हरे जय जय कृष्ण हरे नर नारि कहौ।
आनन्द कन्द हरे ब्रह्मा नन्द हरे परमानन्द हरे नर नारि कहौ।
सुखधाम हरे गुण ग्राम हरे निष्काम हरे नर नारि कहौ।
राम ब्रह्म हरे कृष्ण ब्रह्म हरे विष्णु ब्रह्म हरे नर नारि कहौ।
सब में पूरण हरे सब से न्यारे हरे सर्वा धारे हरे नर नारि कहौ।
है सोई तरे जे ना बिसरे वसुयाम हरे नर नारि कहौ।२४।
गुरु देव भजौ महि देव भजौ सब के देव भजौ जग जाल तजौ।
उमा शम्भु भजौ शारद ब्रह्मा भजौ सरस्वति गणपति भजौ जग जाल तजौ।
हनुमत भैरव भजौ वीर भद्र भजौ श्री षट मुख भजौ जग जाल तजौ।
दुर्गा काली भजौ ज्वाला चण्डी भजौ गंगा यमुना भजौ जग जाल तजौ।
गोमा सरयू भजौ विमला तमसा भजौ सब तीर्थ भजौ जग जाल तजौ।
सब देव भजौ सब शक्ती भजौ सब ऋषि मुनि भजौ जग जाल तजौ।३०।