६१२ ॥ श्री इब्राहीम जी ॥
पद:-
मन्दिर बनावो मसजिद पूजन नमाज कीजै।१।
कहता है इब्राहीम छोड़ तन को भिश्त दीजै।२।
तन मन से प्रेम जिस पर सो काम नहिं अड़ै।३।
कहता है इब्राहीं यश कर ले जो बन पड़ै।४।
पद:-
मन्दिर बनावो मसजिद पूजन नमाज कीजै।१।
कहता है इब्राहीम छोड़ तन को भिश्त दीजै।२।
तन मन से प्रेम जिस पर सो काम नहिं अड़ै।३।
कहता है इब्राहीं यश कर ले जो बन पड़ै।४।