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७२८ ॥ श्री चटनी शाह जी ॥


पद:-

चाटौ राम नाम की चटनी।

सतगुरु से सब भेद जान लो तब होवैगी छटनी।

मन का लोढ़ा नाम की सिलवट सारे पापन बटनी।

ध्यान प्रकाश समाधि नाम धुनि हर शै से हो रटनी।

सिया राम प्रिय श्याम रमा हरि सब सुर मुनि संघ अटनी।

फेरि न कबहूँ अन्तर होवै छूटै गर्भ की खटनी।