७३० ॥ अनन्त श्री स्वामी बाबा गोपाल दास जी ॥
(स्थान: सीतापुर नदी सराइन के समीप)
दोहा:-
सीतापुर स्थान मम, नदी सराइन पास।
गोपाल दास कह मानिये, बात कही हम खास॥
नब्बे वर्ष की आयु में, बैठि क तजा शरीर।
गोपाल दास कह यान चढ़ि, पहुँच गयन हरि तीर॥
मंत्र षड़ाक्षर के जपे, षट बिकार हों नास।
गोपाल दास कह भक्त सो, जावे प्रभु के पास॥
मंत्र राज या को कहैं, गुरु से लै उपदेश।
बैठि एकान्त में जप करै, पावै अपना देश॥
बिधि हरि हर शारद जपैं, शेष गणेश दिनेश।
पवन तनय सुर मुनि जपैं, सब मंत्रन में पेश॥
शान्ति दीन बन लागिये, सफ़ल होय नर चाम।
गोपाल दास कह छाड़ि तन, जाव राम के धाम।६।