१४९ ॥ श्री बेदांग मुनि जी ॥
दोहा:-
राम नाम कल्याण मय जपै निरन्तर जौन।
राम सिया हर दम लखै अन्त जाय निज भौन।
सतगुरु बिन बेदांग कह मिलत न या की थाह।
बार बार जन्मै मरै छोड़ै नहिं जग चाह।४।
दोहा:-
राम नाम कल्याण मय जपै निरन्तर जौन।
राम सिया हर दम लखै अन्त जाय निज भौन।
सतगुरु बिन बेदांग कह मिलत न या की थाह।
बार बार जन्मै मरै छोड़ै नहिं जग चाह।४।