१५२ ॥ श्री सियावर दास जी ॥
चौपाई:-
झाड़ू लै मन्दिर भंडारा। झाड़ेन नित प्रति नेम हमारा॥
अन्त समै हरि पुर भा बासा। कहैं सियाबर सत्य प्रकासा।२।
चौपाई:-
झाड़ू लै मन्दिर भंडारा। झाड़ेन नित प्रति नेम हमारा॥
अन्त समै हरि पुर भा बासा। कहैं सियाबर सत्य प्रकासा।२।