२३७ ॥ श्री तीजा शाह जी ॥
पद:-
जे तंग हैं ते चंग हैं। जे रंग हैं ते ढंग हैं॥
जे पंग हैं ते भंग हैं। जे मंग हैं ते नंग हैं।
जे गंग हैं ते अंग हैं। जे संग हैं ते टंग हैं।
जे व्यंग हैं ते जंग हैं। जे लंग हैं ते खंग हैं॥
पद:-
जे तंग हैं ते चंग हैं। जे रंग हैं ते ढंग हैं॥
जे पंग हैं ते भंग हैं। जे मंग हैं ते नंग हैं।
जे गंग हैं ते अंग हैं। जे संग हैं ते टंग हैं।
जे व्यंग हैं ते जंग हैं। जे लंग हैं ते खंग हैं॥