२९७ ॥ श्री भगत राम जी ॥
पद:-
भक्तों राम नाम पर तुलना।
सतगुरु से जप भेद जानि कै नेक ख्याल नहिं भुलना।
ध्यान धुनी परकाश दशा लय पाय आप में घुलना।
सुर मुनि मिलैं सुनो घट अनहद पिओ अमी भरा ढुलना।
सिया राम प्रिय श्याम रमा हरि सन्मुख निरखौ खुलना।
अन्त त्यागि तन राम धाम लो छूटै गर्भ क झुलना।६।