३१६ ॥ श्री झक्कर शाह जी ॥
पद:-
भजिये बम शंकर बम शंकर।
सतगुरु करि विश्वास करौ दृढ़ बैठि जाव मति थक्कर।
सारे चोर भागि जांय तन से करैं न एकौ टक्कर।
सुर मुनि मिलैं प्रेम से बोलैं करैं तुम्हारो चक्कर।
ह्वै प्रसन्न भैरव जी दें नित सानि के खोवा शक्कर।
अन्त समै कैलास बिराजौ कहैं बचन ये झक्कर।६।