२४१ ॥ श्री अंधे शाह जी ॥(९)
अर रर भैय्या कहौ कबीर।
दुख में धीरज को धरै सुमिरै श्री भगवान।
अन्धे कह रक्षा करैं हर दम हर हनुमान।
भला यह बात भक्त के मतलब की।४।
अर रर भैय्या कहौ कबीर।
दुख में धीरज को धरै सुमिरै श्री भगवान।
अन्धे कह रक्षा करैं हर दम हर हनुमान।
भला यह बात भक्त के मतलब की।४।