॥ श्री रामायण व गीता जी की प्रार्थना ॥
जारी........
हर दम सन्मुख राजि रहे हैं जो इस रंग में माता।
अमृत पियै सुनै घट अनहद सुर मुनि के संग खाता।
नागिन जगै चक्र षट नाचैं सातौं कमल खिलाता।
उड़ै तरंग मस्त हो तन मन मुख से बोलि न आता।
गद गद कंठ रोम सब पुलकैं नैन नीर झरि लाता।१०।
तन कम्पायमान ह्वै जावै रहि रहि शीश हिलाता।
तुरियातीत दशा यह भक्तौं बिरलै ही कोई पाता।
भिच्छा हित जो प्रेम से आवै वा को राह बताता।
आलस नींद को जीत लीन है सात्विक अन्न स्वहाता।
गुजर भरे को बसन बदन में अधिक होय बरताता।१५।
रहनी गहनी सहनी वाकी बरनत शेश लजाता।
वाके दर्शन को जो जावै बचन से हिया जुड़ाता।
पीति करै तो अनुभव होवै सारे दुख बिलगाता।
अंधे कहैं जियति जो जागा वाके धनि पितु माता।
अन्त त्यागि तन अवध में पहुँचा फेरि न जग चिल्लाता।२०।
पद:-
भजन करके जो मरता है वही सच्चा मरन जानो।१।
बिना सुमिरन के जो मरता वही कच्चा मरन मानो।२।
बहुरि के फिर नहीं मरता वही सच्चा मरन मानो।३।
कहैं अंधे जो फिर मरता वही कच्चा मरन जानो।४।
पद:-
भक्तों में सान मान का पता जहां न है।
अंधे कहैं बस जान लो भगवान वहां है।
पितु मातु संग खेलैं खान पान वहां है।
परकास लय औ नाम धुनी ध्यान वहां है।
सुर मुनि औ शक्ती आवैं लपटान वहां है।५।
नागिन जगी चक्कर चलैं भन्नान वहाँ है।
कमलन की उड़ैं गमकैं उलटान वहाँ है।
खट झाँकियों कि महिमा का गुन गान वहां है।
अनहद सुनै अमृत पियै उफ़नान वहां है।
हर वक्त मस्त रहते नैन कान वहां है।१०।
सतगुरु के ऊपर तन मन कुरबान वहाँ है।
तन त्यागि गे अवधि पुर सुख खान वहाँ है।१२।
पद:-
रसना भजि ले सीता राम।१।
यह नर देह मिली बड़े तप से सुमिरन बिन बेकाम।२।
सुर मुनि वेद शास्त्र सब गावत लागत नहिं कछु दाम।३।
अंधे कहैं अन्त निज पुर हो जो है अचल मुकाम।४।
पद:-
रसना रटि ले राधे श्याम।१।
बड़े सुकृत ते मिलत है प्यारी यह मानुष को चाम।२।
भजन करै जियतै तरि जावै कर्म भूमि यह आम।३।
अंधे कहैं छोड़ि तन चलि कै बैठै हरि के धाम।४।
पद:-
रसना भजहु रमा नारायण।१।
बड़ी भाग्य ते मिलत है नर तन जो मुद मंगल दायन।२।
मुक्ति भक्ति सुमिरन से होती सुर मुनि ते सुनि आयन।३।
अंधे कहैं चेतिये सुंदरि सत्य तुम्हैं समुझायन।४।
पद:-
फ़ना कहते हैं मरि जाने को फ़िल्ला कहते जी जाना।
ये दोनों जब दस्त में होवैं तब फ़कीर भा मस्ताना।
वो के लिए कछु नहीं मुशिकिल खेल करत है मनमाना।
मुरशिद से सुमिरन बिधि जानि के प्रेम में निज को है साना।
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