३७२ ॥ श्री राम सरन दास जी ॥
(स्थान भदसाना, रायबरेली जि.)
पद:-
सतगुरु बचन भजन से बढ़िकै।
सुर मुनि सब हम से यह भारव्यौ हम न कहैं कछु गढ़िकै।
ध्यान प्रकाश धुनी लय होवै श्याम प्रिया मिलैं कढ़िकै।
सुर मुनि मिलैं सुनो घट अनहद पिओ अमी मन लढ़िकै।
जियतै ठौर ठेकान लेव करि होय न सुनि लिखि पढ़िकै।
अन्त त्यागि तन राम सरन कहैं चलौ सिंहासन चढ़िकै।६।