३७५ ॥ श्री फलक शाह जी ॥
(मोकाम शिकोहाबाद)
पद:-
सुमिरन बिना यम दूत गहैं आय एक दिन।
अब ही तो नहीं चेत को छोड़ाय एक दिन।
मुरशिद करो पावो पता दुख जाय एक दिन।
धुनि ध्यान नूर लय मिलै मन भाय एक दिन।
अमृत चखो अनहद सुनो अघाय एक दिन।५।
सुर मुनि मिलैं लिपटि कै मुस्कियाय एक दिन।
नागिन जगै चक्कर चलैं भन्नाय एक दिन।
फूलैं कमल तरँग क्या गमकाय एक दिन।
सन्मुख में राम सीता छवि छाय एक दिन।
तन त्यागि पास बास हो यश पाय एक दिन।१०।