साईट में खोजें

६९७ ॥ एक मुसलमान भक्त ॥

 (अयोध्या पुरी)

पद:-

मुरशिद करो चेतो भजो धुनि नाम पाने के लिये।

तैयार हर दम सामने प्रिय श्याम छाने के लिये।

परकाश ध्यान समाधि हो बिधि गत मिटाने के लिये।

अनहद सुनो सुर मुनि मिलैं उर में लगाने के लिये।

नागिन जगै चक्कर चलैं नीरज खिलाने के लिये।

जियते में करतल कीजिये निज धाम जाने के लिये।६।