६९६ ॥ श्री टेरी शाह जी ॥ (३)
पद:-
जै जै जै श्री गणेश मुक्ति भक्ति दाता।
पिता जिनके महादेव पारबती माता।
रिध्दि सिध्दि चंवर ढोरे षट मुख लघु भ्राता।
सोरह भुज बल अतौल समर में बिख्याता।
होती धुनि राम नाम रोम रोम अष्ट जाम।५।
सन्मुख श्री सिया राम कोमल मृद बाता।
देवन में पूज्य मान मोदक को करत पान।
बाहन श्री मूष जान अद्भुद है गाता।८।