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१५ ॥ श्री ख्वाजा जी ॥


पद:-

फौरेव वशर का छूटि जाय तब हर दम दरशन रब का हो।१।

नाम रूप परकाश हर जगह जो मालिक है सब का हो।२।

फना करै तन मन उस पर जो नाघै सातों तवका हो।३।

चतुर खिलाड़ी ख्वाजा सोई फिदा रहै नहिं भ भवा हो।४।