साईट में खोजें

११८ ॥ श्री अहमद जी ॥


शेर:-

तन मन से प्रेम लगाइये दुनियां से ख्याल हटाइये।

अजपा खुलै सुख पाइये तन छोड़ि रब ढिग जाइये।१।

हर दम रियाज़ यह कीजिये ज़ाया समय मत कीजिये।

अहमद कहैं मानो बचन हर दम रहोगे तब मगन।२।