१२६ ॥ श्री गोपी चन्द जी ॥
पद:-
ब्रह्म अस्मी तत्व मसि अहं ब्रह्म सोऽहं ओंकार।१।
शिवोहं वही मानो बचन और कहते हैं वाको रकार।२।
निर्गुण वही सर्गुण वही सब में वही सब से है न्यार।३।
कहैं गोपी चन्द सतगुरु कृपा बिन भव हो न पार।४।
पद:-
ब्रह्म अस्मी तत्व मसि अहं ब्रह्म सोऽहं ओंकार।१।
शिवोहं वही मानो बचन और कहते हैं वाको रकार।२।
निर्गुण वही सर्गुण वही सब में वही सब से है न्यार।३।
कहैं गोपी चन्द सतगुरु कृपा बिन भव हो न पार।४।