३०१ ॥ श्री लाल देव जी ॥
पद:-
अहा हाहा इही हीही उहू हूहू एहे हेहे।१।
इही हीही अहा हाहा एहे हेहे उहू हूहू।२।
उहू हूहू एहे हेहे अहा हाहा इही हीही।३।
एहे हेहे इही हीही उहू हूहू अहा हाहा।४।
पद:-
अहा हाहा इही हीही उहू हूहू एहे हेहे।१।
इही हीही अहा हाहा एहे हेहे उहू हूहू।२।
उहू हूहू एहे हेहे अहा हाहा इही हीही।३।
एहे हेहे इही हीही उहू हूहू अहा हाहा।४।