साईट में खोजें

३२४ ॥ श्री शुकरू जी ॥


पद:-

सदा कायम रहैं हरि जन बधाई है बधाई है।

करैं तन मन से हरि सुमिरन बधाई है बधाई है।

लखैं सिय राम जीवन धन बधाई है बधाई है।

मिलै धुनि ध्यान लय रोशन बधाई है बधाई है।

तरैं तारैं जियत बहु जन बधाई है बधाई है।

कहैं शुकरू मगन तन मन बधाई है बधाई है।६।