३५९ ॥ श्री धीरम दास जी ॥
(जमाति वाले)
चौपाई:-
हरि सुमिरन संतन सेवकाई। ठाकुर सेवा पाठ सोहाई।१।
धीरम दास कहैं सुख दाई। अन्त समय हरि पुर पहुँचाई।२।
(जमाति वाले)
चौपाई:-
हरि सुमिरन संतन सेवकाई। ठाकुर सेवा पाठ सोहाई।१।
धीरम दास कहैं सुख दाई। अन्त समय हरि पुर पहुँचाई।२।