३६३ ॥ श्री बृजलाल दास जी ॥
(अवध वासी)
चौपाई:-
अन्न त्यागि कै फलहर कीन्हा। राम राम जपि हरि पुर लीन्हा।१।
बृजलाल दास कहैं सो सुख पावै। जो हरि नाम से नेह लगावै।२।
(अवध वासी)
चौपाई:-
अन्न त्यागि कै फलहर कीन्हा। राम राम जपि हरि पुर लीन्हा।१।
बृजलाल दास कहैं सो सुख पावै। जो हरि नाम से नेह लगावै।२।