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३६४ ॥ श्री बख्तावर दास जी ॥

(अवध वासी)
 

चौपाई:-

राम नाम बैखरी उचारा। हरि का धाम मिल्यो मोंहि प्यारा।१।

बख्तावर दास कहैं गोहराई। जिह्वा चले जाय बनि जाई।२।