३७३ ॥ श्री अनन्त दास जी ॥
(अवध वासी)
चौपाई:-
परे परे हरि नाम उचारा। बर्ष पचास तीनि पखवारा।१।
अन्त में हरिपुर बासा पायन। अनन्त दास कहैं सत्य बतायन।२।
(अवध वासी)
चौपाई:-
परे परे हरि नाम उचारा। बर्ष पचास तीनि पखवारा।१।
अन्त में हरिपुर बासा पायन। अनन्त दास कहैं सत्य बतायन।२।