३७७ ॥ श्री गिरिजा दास जी ॥
(अवध वासी)
चौपाई:-
कीन कीरतन नेम से भाई। और भजन बिधि मोहि न भाई।१।
गिरिजा दास कहैं हरषाई। करै कीरतन सो वहँ जाई।२।
(अवध वासी)
चौपाई:-
कीन कीरतन नेम से भाई। और भजन बिधि मोहि न भाई।१।
गिरिजा दास कहैं हरषाई। करै कीरतन सो वहँ जाई।२।