३९१ ॥ श्री शची जी ॥
(इन्द्राणी)
दोहा:-
भजन करो सतगुरु करि धुनी होय एकतार।
दरशैं हर दम सामने सिया सहित सरकार।१।
ध्यान प्रकाश समाधि हो मानो बचन हमार।
सची कहैं कल्याण तब जियतै करो सम्हार।२।
(इन्द्राणी)
दोहा:-
भजन करो सतगुरु करि धुनी होय एकतार।
दरशैं हर दम सामने सिया सहित सरकार।१।
ध्यान प्रकाश समाधि हो मानो बचन हमार।
सची कहैं कल्याण तब जियतै करो सम्हार।२।