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४२३ ॥ श्री सटपट दास जी ॥


पद:-

हरि को भजौ हरि को भजौ हरि को भजौ हरि को भजौ।

दुबिधा तजौ दुबिधा तजौ दुबिधा तजौ दुबिधा तजौ।

तन मन सजौ तन मन सजौ तन मन सजौ तन मन सजौ।

धुनि संग मंजौ धुनि संग मंजौ धुनि संग मंजौ धुनि संग मंजौ।

असुरन गंजौ असुरन गंजौ असुरन गंजौ असुरन गंजौ।५।

हरि पुर रजौ हरि पुर रजौ हरि पुर रजौ हरि पुर रजौ।

सतगुरु ख्वजौ सतगुरु ख्वजौ सतगुरु ख्वजौ सतगुरु ख्वजौ।

जग से भजौ जग से भजौ जग से भजौ जग से भजौ।८।