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४५५ ॥ श्री मौलाना जुन्नैद ॥

शेर:-

जुन्नैद मौलाना कहैं करिये ज़िकिर एक तार हो।

छूटै फिकिर छुट्टी मिलै दुनियां से तब तो पार हो।

मै मै मिटै छूटै दुई हर वक्त तब दीदार हो।

मुरशिद करो साँचा नहीं तो तन बशर बेकार हो।

खिदमत करो कौसर पिओ काहे गरद गुब्बार हो।

रहेम को जिसने तजा वह जाय दोज़ख ख्वार हो।६।