४६९ ॥ श्री चौबुर्जी जी ॥
चौपाई:-
राम नाम जे जन जपैं तिनकी भली भलाय।
राम सिया दरशैं सदा धुनी अखण्ड सुनाय।१।
ध्यान प्रकाश समाधि को जानि लेय ते शीव।
कहैं चौबुर्जी सुनो सुत, मुक्ति भक्ति रस पीव।२।
चौपाई:-
राम नाम जे जन जपैं तिनकी भली भलाय।
राम सिया दरशैं सदा धुनी अखण्ड सुनाय।१।
ध्यान प्रकाश समाधि को जानि लेय ते शीव।
कहैं चौबुर्जी सुनो सुत, मुक्ति भक्ति रस पीव।२।