४७० ॥ श्री गुरगाईं जी ॥
दोहा:-
राम नाम जे जन जपैं चौरासी मिटि जाय।
राम सिया सन्मुख लखै नाम कि धुनी सुनाय।१।
ध्यान समाधि प्रकाश को जियतै लेवै जान।
कहैं गुरगाईं सुनो सुत, सोई पुरुष महान।२।
दोहा:-
राम नाम जे जन जपैं चौरासी मिटि जाय।
राम सिया सन्मुख लखै नाम कि धुनी सुनाय।१।
ध्यान समाधि प्रकाश को जियतै लेवै जान।
कहैं गुरगाईं सुनो सुत, सोई पुरुष महान।२।