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४८६ ॥ श्री हिदायत खां जी ॥


पद:-

कहता हिदायत खां गरीबी धार लो भव पार हो।१।

नाम हरि का ही जपो भूलो नहीं निशिबार हो।२।

ध्यान धुनि लय नूर पावो रूप का दीदार हो।३।

छकौ छबि हर दम अधर मुरली धरे सरकार हो।४।