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१८ ॥ श्री नन्ही जान जी ॥


पद:-

श्याम की हँसनि पर लागी लगन बाटी।१।

मुरली मधुर धुनि मन को हरन वाटी।२।

नूपुर पगन सुनि मुरछि गिरन बाटी।३।

सतगुरु बिन नहिं होत मिलन बाटी।४।