४४ ॥ श्री जगावन शाह जी ॥
शेर:-
जिसे है इश्क सुमिरन की उसे मिल जायंगे सतगुरु।
ध्यान धुनि नूर लै पावै सामने रूप हर दम फुरु ।१।
जगावन शाह कह जागो जगत यह चार दिन का है।
कपट अभिमान को त्यागो ये तन गुनि लेव तिनका है।२।
शेर:-
जिसे है इश्क सुमिरन की उसे मिल जायंगे सतगुरु।
ध्यान धुनि नूर लै पावै सामने रूप हर दम फुरु ।१।
जगावन शाह कह जागो जगत यह चार दिन का है।
कपट अभिमान को त्यागो ये तन गुनि लेव तिनका है।२।