८४ ॥ श्री झम्मक जान जी॥
पद:-
सारी उमिरिया बिताई भजन बिन अन्त पकड़ि जम मारैं राम।१।
सतगुरु किह्यो न तन फल पायो किहि बिधि कौन उबारै राम।२।
तड़फै नर्क में कल नहिं पल भरि हर दम हाय पुकारै राम।३।
झम्मक जान कहैं निसि वासर सुमिरै ते भव पारै राम।४।
पद:-
सारी उमिरिया बिताई भजन बिन अन्त पकड़ि जम मारैं राम।१।
सतगुरु किह्यो न तन फल पायो किहि बिधि कौन उबारै राम।२।
तड़फै नर्क में कल नहिं पल भरि हर दम हाय पुकारै राम।३।
झम्मक जान कहैं निसि वासर सुमिरै ते भव पारै राम।४।