१९६ ॥ श्री नरसिंह दास जी का कीर्तन ॥
राम रामा कहौ श्याम श्यामा कहौ विष्णु कमला कहौ
लेहु नर तन क फल।
ब्रह्मा शारद कहौ गणपति सरस्वति कहौ शम्भु गिरिजा कहौ
लेहु नर तन क फल।
हनुमत भैरव कहौ षट मुख वामन कहौ नर हरि शूकर कहौ
लेहु नर तन क फल।
दुर्गा काली कहौ गोमा सरयू कहौ गंगा यमुना कहौ
लेहु नर तन क फल।
ज्वाला चण्डी कहौ कच्छ मच्छौ कहौ गोपी ग्वालिन कहौ
लेहु नर तन क फल।५।
कौशिल्या दशरथ कहौ वसुदेव देवकी कहौ नन्द यशुमति कहौ
लेहु नर तन क फल।
भरत माण्डवी कहौ लखन उर्मिला कहौ शत्रुहन श्रुति कीर्ति कहौ
लेहु नर तन क फल।
बलिराम रेवती कहौ सर्व सुर मुनि कहौ सर्व तीर्थन कहौ
लेहु नर तन क फल।८।