२२२ ॥ श्री मुण्डा बाज नट जी ॥
पद:-
तर्क करना तजो सब सुनो भाइयों
यह वशर के लिये अति बुरी बात है।१।
फर्क शुभ काम करने में देवै लगा
अन्त दोज़ख़ में भेजै न संग जात है।२।
पांचों चोरों कि हम शीरा है यह
कठिन छेड़खानी करै फेरि मुसक्यात है।३।
मन को काबू में अपने किया तुम से लै
चोट लागै न भागै न शरमात है।४।