२२१ ॥ श्री कोइली माई जी धनुकुनि ॥
(मिथिलापुर निवासिनी)
पद:-
श्री विमला श्री विमला श्री विमला क करु दर्शन।
पिओ गर जल पिओ गर जल पिओ गर जल जुरै तन मन।
लखौ सिय हरि लखौ सिय हरि लखौ सिय हरि प्रेम में सन।
ध्यान धुनि लय ध्यान धुनि लय ध्यान धुनि लय मिलै रोशन।
अन्त निज घर अन्त निज घर अन्त निज घर चलौ बन ठन।५।