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२७७ ॥ श्री राजकिशोरी माई जी ब्राह्मणी ॥


पद:-

जय सिय राम जगत पितु माता, बसो हमारी आँखों में।

अधम उधारन दीनन छाता, बसो हमारी आँखों में।१।

जय प्रिय श्याम जगत पितु माता, बसो हमारी आँखों में।

अधम उधारन दीनन छाता, बसो हमारी आँखों में।२।

जय श्री विष्णु जगत पितु माता, बसो हमारी आँखों में।

अधम उधारन दीनन छाता, बसो हमारी आँखों में।३।

जै गिरिजा शिव जग पितु माता, बसो हमारी आँखों में।

अधम उधारन दीनन छाता, बसो हमारी आँखों में।४।

जय चतुरानन सृष्टि के करता, बसो हमारी आँखों में।

कर्म अनुसार दु:ख सुख भरता, बसो हमारी आँखों में।५।

जै शारद विद्या बुधि सागर, बसो हमारी आँखों में।

रूप सिंगार छटा छवि आगर बसो हमारी आँखों में।६।

जय गण पति मुद मंगल स्वामी, बसो हमारी आँखों में।

वन्दौं चरण नमामि नमामी, बसो हमारी आँखों में।७।

जय सरस्वती रूप गुण खानी, बसो हमारी आँखों में।

हरि के भजन में तन मन सानी, बसो हमारी आँखों में।८।

जय षट मुख तारक संघारन, बसो हमारी आँखों में।

देवन के सब कष्ट निवारन, बसो हमारी आँखों में।९।

जय बजरंग भक्त भय टारन, बसो हमारी आँखों में।

तन मन राम सिया पर वारन, बसो हमारी आँखों में।१०।

जय भैरव काली के नन्दन, बसो हमारी आँखों में।

भक्तन का दुख करत निकन्दन, बसो हमारी आँखों में।११।

जय श्री वीर भद्र बलवाना, बसो हमारी आँखों में।

शिव गिरिजा के प्राण समाना, बसो हमारी आँखों में।१२।

जै दुर्गा दारिद दुख हरनी, बसो हमारी आँखों में।

असुर मार भक्तन सुख करनी, बसो हमारी आँखों में।१३।

जय काली कराल दुख टारनि, बसो हमारी आँखों में।

काल न होय ताहि संघारनि, बसो हमारी आँखों में।१४।

जय श्री भरत भक्त तपराशी, बसो हमारी आँखों में।

श्यामल गात चमक चपला सी, बसो हमारी आँखों में।१५।

जय श्री लखन राम सिय प्यारे, बसो हमारी आँखों में।

सेवा हेत जगत तन धारे, बसो हमारी आँखों में।१६।

जय शत्रुहन अतुल बल धारी, बसो हमारी आँखों में।

लवणासुर छिन माँहि सँघारी, बसो हमारी आँखों में।१७।

जय श्री शेष शीश महि लीन्हे, बसो हमारी आँखों में।

राम नाम में तन मन दीन्हे, बसो हमारी आँखों में।१८।

जय श्री गरुड़ प्रभू के पांयक, बसो हमारी आँखों में।

सब प्रकार भक्तन सुख दायक, बसो हमारी आँखों में।१९।

जय श्री काक राम यश रसिया, बसो हमारी आँखों में।

अजर अमर गिरि नील पै बसिया, बसो हमारी आँखों में।२०।

जय श्री लोमश अवध के बासी, बसो हमारी आँखों में।

परमानन्द सदा अविनाशी, बसो हमारी आँखों में।२१।

जारी........