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२७७ ॥ श्री राजकिशोरी माई जी ब्राह्मणी ॥

जारी........

जय सनकादिक चारों भाई, बसो हमारी आँखों में।

पांच वर्ष के रहत सदाई, बसो हमारी आँखों में।२२।

जय नव योगेश्वर नव नाथा, बसो हमारी आँखों में।

जय शुकदेव राम गुण गाथा, बसो हमारी आँखों में।२३।

जय नारद हरि सुयश भनैया, बसो हमारी आँखों में।

भक्त अभक्तन को फरियैया, बसो हमारी आँखों में।२४।

जै श्री शची सुरेश कृपाला, बसो हमारी आँखों में।

जल दै जीवन करत निहाला, बसो हमारी आँखों में।२५।

जय वशिष्ठ रघुकुल के गुरुवर, बसो हमारी आँखों में।

सुर मुनि मानत सब नारी नर, बसो हमारी आँखों में।२६।

जय कुबेर धन बाँटन हारे, बसो हमारी आँखों में।

आज्ञा हरि की उर में धारे, बसो हमारी आँखों में।२७।

जय श्री चक्र अभक्त नशावन, बसो हमारी आँखों में।

सुर मुनि को नित सुख उपजावन, बसो हमारी आँखों में।२८।

जय कुम्भज सामुद्र सुखावन, बसो हमारी आँखों में।

राम नाम जगयश फैलावन, बसो हमारी आँखों में।२९।

जय बराह हिरणाक्ष विदारन, बसो हमारी आँखों में।

मही लाय जग काज सँवारन, बसो हमारी आँखों में।३०।

जय नृसिंह प्रह्लाद उबारन, बसो हमारी आँखों में।

हिरनाकश्यप कियो सँघारन, बसो हमारी आँखों में।३१।

जय बावन बलि के मन भावन, बसो हमारी आँखों में।

होत प्रभात दर्श दै आवन, बसो हमारी आँखों में।३२।

जय श्री कमठ मीन अवतारा, बसो हमारी आँखों में।

भक्तन हित सहते दुख सारा, बसो हमारी आँखों में।३३।

जय विराट तुम में जग सारा, बसो हमारी आँखों में।

महिमा भनत शेष हिय हारा, बसो हमारी आँखों में।३४।

जय श्री बालमीकि मुनि व्यासा, बसो हमारी आँखों में।

हरि यश जग बहु किह्यो प्रकाशा, बसो हमारी आँखों में।३५।

जय श्री तुलसी सूर बखानो, बसो हमारी आँखों में।

हरि कीरति जिन प्रेम से छानो, बसो हमारी आँखों में।३६।

जय सब सुर मुनि शक्ती माई, बसो हमारी आँखों में।

जय सब भक्त सुनो चित लाई, बसो हमारी आँखों में।३७।

जय भृगु जी द्विज कुल पुजवइया, बसो हमारी आँखों में।

विष्णु के उर में चरन मरैया, बसो हमारी आँखों में।३८।

जय बलराम श्याम के भ्राता, बसो हमारी आँखों में।

हल मूसल तव जग विख्याता, बसो हमारी आँखों में।३९।

जारी........